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छत्तीसगढ़ की भौतिक विशेषताएँ (Physical Features of Chhattisgarh)

छत्तीसगढ़ की भौतिक विशेषताएँ (Physical Features of Chhattisgarh)

छत्तीसगढ़ देश का नवगठित 26वाँ राज्य है, जो 1 नवंबर, 2000 को अस्तित्व में आया। जनगणना 2001 के समय राज्य में जिलों की संख्या 16 थी, जो 2007 में बढ़कर 18 हो गयी। वर्तमान में जिलों की संख्या 27 हो गई है।

1.1 स्थिति एवं विस्तार (Location and Extention)

छत्तीसगढ़ उत्तरी गोलार्द्ध के एशिया महाद्वीप में भारत के उत्तरी प्रायद्वीपीय में अवस्थित है। छत्तीसगढ़ की भौगोलिक अवस्थिति 17°46′ से 24°5′ उत्तरी अक्षांश के मध्य तथा 80°15′ से 84°20′ अन्य स्रोत में 84°24′ पूर्वी देशांतर के मध्य स्थित है। यहाँ से होकर कर्क रेखा 23%° उत्तरी अक्षांश तथा भारतीय मानक समय (IST) 82%° पूर्वी देशांतर रेखाएँ गुजरती हैं, जो कि सूरजपुर (अन्य स्रोत में कोरिया) जिले में एक-दूसरे को काटती हैं।

छत्तीसगढ़ का कुल क्षेत्रफल लगभग 1,35,192 वर्ग. किमी. है, जो भारत के कुल क्षेत्रफल का 4.11 प्रतिशत है। राज्य के उत्तर से दक्षिण की लंबाई 700 किमी. तथा पश्चिम से पूर्व की लंबाई 435 किमी. है। छत्तीसगढ़ के उत्तर-पश्चिम में मध्य प्रदेश, दक्षिण-पश्चिम में महाराष्ट्र, दक्षिण में तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश, पूर्व में ओडिशा, उत्तर-पूर्व में झारखंड तथा उत्तर में उत्तर प्रदेश स्थित है।

अक्षांशीय स्थिति

  1. 17°46′ उत्तरी अक्षांश से 24°5′ उत्तरी अक्षांश के मध्य
  2. अक्षांशीय लंबाई अर्थात् उत्तर-दक्षिण की लंबाई- 700 किमी.।
  3. 23½° उत्तरी अक्षांश (कर्क रेखा (Tropic of Cancer)) राज्य के उत्तरी जिलों कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर से गुजरती है।

देशांतरीय स्थिति

80°15′ पूर्वी देशांतर से 84°20′ पूर्वी देशांतर के मध्य

  1. देशांतरीय लंबाई अर्थात् पूर्व-पश्चिम की लंबाई-435 किमी.।
  2. 82½° पूर्वी देशांतर अर्थात् भारतीय मानक समय रेखा छत्तीसगढ़ के 7 जिलों से गुजरती है। सूरजपुर, कोरिया, कोरबा, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार, महासमुंद, गरियाबंद)

छत्तीसगढ़ में अवस्थिति एवं विस्तार का प्रभाव

  1. छत्तीसगढ़ एक भू-आवेष्ठित राज्य है, जिसका किसी भी देश के साथ सीमा नहीं लगती है। यह बाह्य आक्रमण से सुरक्षित प्रदेश है।
  2. भारत का मानक समय रेखा राज्य के 7 जिलों से होकर गुजरती है। छत्तीसगढ़ में भारत के मानक समय रेखा और जलवायविक समय में कोई अंतर नहीं है।
  3. छत्तीसगढ़ के तीन जिलों से कर्क रेखा गुजरती है। इसलिये यहाँ की जलवायु उष्णकटिबंधीय है।
  4. छत्तीसगढ़ की अवस्थिति के कारण यहाँ अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी दोनों शाखाओं से मानसून की प्राप्ति होती है।
  5. छत्तीसगढ़ गोंडवाना प्लेट से अलग हुए भारतीय प्लेट का हिस्सा है। खनिज संसाधन में मुख्य रूप से कोयले की प्राप्ति होती है।

पाट प्रदेश

यह राज्य के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में स्थित है। पाट पठारी स्थलाकृतियों में स्थित एक ऊँचा मैदान है। पाट अपने शीर्ष में सपाट और पार्श्व में सदृश्य तीव्र ढालदार होता है। इसका विस्तार अम्बिकापुर, सीतापुर तथा लुण्ड्रा तहसील तक है। इसका कुल क्षेत्रफल 6204 वर्ग किमी. है जो राज्य के कुल क्षेत्रफल का 4.59 प्रतिशत है। यहाँ मुख्य रूप से लाल-पीली मिट्टी तथा लाल दोमट मिट्टी पाई जाती है, जिसमें धान, गेहूँ, चना, तुवर, सरसों इत्यादि फसलों का उत्पादन होता है। यहाँ की जलवायु शुष्क एवं पर्णपाती है। बॉक्साइट इस क्षेत्र का प्रमुख खनिज है। इसके उपविभाग निम्न हैं-

  1. मैनपाटः यह दक्षिणी सीतापुर एवं दक्षिणी सरगुजा तक विस्तृत है। इस क्षेत्र से मांड नदी का उद्गम हुआ है। इस क्षेत्र को छत्तीसगढ़ का शिमला, तिब्बतियों का शरणार्थी स्थल एवं ठंडा प्रदेश कहा जाता है।
  2. जारंगपाटः यह उत्तरी सीतापुर और पूर्वी सरगुजा तहसील तक विस्तृत है।
  3. सामरीपाटः इसका विस्तार पूर्वी सरगुजा, सामरी (कुसमी) तहसील तक है। गौरलाटा राज्य की सबसे ऊँची चोटी यहीं स्थित है, जिसकी ऊँचाई 1225 मी. है। यह प्रदेश का सबसे ऊँचा पाट प्रदेश भी है।
  4. जमीरपाटः यह बलरामपुर जिला में स्थित है। इसे बॉक्साइट का मैदान भी कहा जाता है।
  5. लहसुन पाटः यह भी बलरामपुर जिला में स्थित है। यह सामरीपाट का पश्चिमी भाग है।
  6. जशपुर पाटः यह जशपुर जिला में स्थित है जो राज्य का सबसे बड़ा व लंबा पाट प्रदेश है।
  7. पेण्ड्रापाटः जशपुर जिला में स्थित है। यहाँ से ईब व कन्हार नदी का उद्गम होता है।
  8. जशपुर-सामरी पाट या कुसमी पाटः जशपुर-सामरी पाट प्रदेश की उत्तरी सीमा जिसमें संपूर्ण सामरी (कुसमी) तहसीलतथा जशपुर तहसील सम्मिलित है। यहाँ की जलवायु उष्णकटिबंधीय है।

यह क्षेत्र छोटानागपुर पठार का हिस्सा है। यहाँ से तीन नदियों (ईब, शंख, कन्हार) का बहाव होता है। मांड नदी का उद्गम मैनपाट से हुआ है जिसका बहाव उत्तर से दक्षिण तथा ईब नदी का उद्गम पेण्ड्रापाट से हुआ है। इसका बहाव दक्षिण से पूर्व की ओर है। इन नदियों के बहाव के कारण यह क्षेत्र अधिक उपजाऊ है। इस क्षेत्र में शुष्क पर्णपाती वन पाए जाते हैं, जो पाट प्रदेश के 38 प्रतिशत भाग में हैं। यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है। मैनपाट को ‘छत्तीसगढ़ का शिमला’ कहा जाता है। छत्तीसगढ़ के इन चार भागों से जाना जा सकता है कि स्थलाकृति, वनस्पति, फसल, खनिज इत्यादि से राज्य का स्थान देश में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है।

परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण तथ्य

  1. रामगिरी की पहाड़ियाँ सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला का भाग है।
  2. मैनपाट दक्षिणी सीतापुर एवं दक्षिणी सरगुजा तक विस्तृत है। इस क्षेत्र से माड नदी का उद्गम हुआ है। इस क्षेत्र को

छत्तीसगढ़ का शिमला, तिब्बतियों का शरणार्थी स्थल एवं ठंडा प्रदेश कहा जाता है।

  1. बस्तर का मैदान बीजापुर एवं सुकमा जिले में स्थित है जो छत्तीसगढ़ का दक्षिणतम भाग है।
  2. इंद्रावती बेसिन जो जगदलपुर एवं बीजापुर जिले में स्थित है। • कोटरी बेसिन जो राजनांदगाँव और कांकेर जिले में स्थित है। इसकी औसत ऊँचाई 300 से 450 मीटर है। कोटरी नदी

दक्षिण की ओर बहते हुए इंद्रावती में मिल जाती है।

  1. इस प्रदेश की आकृति समुद्री घोड़े के समान है।
  2. छत्तीसगढ़ में धारवाड़ शैल समूह कहाँ-कहाँ मिलता है?
  3. कुसमी पाट के उच्चावच का वर्णन कीजिये।
  4. छत्तीसगढ़ प्रदेश में चांग-भखार देवगढ़ पहाड़ियों का वर्णन कीजिये।
  5. छत्तीसगढ़ के भौतिक विभागों के नाम लिखिये।
  6. सामरीपाट की स्थिति एवं भौतिक स्वरूप का वर्णन कीजिये।
  7. छत्तीसगढ़ के कुडप्पा शैल समूह की विशेषता का वर्णन कीजिये। 7
  8. . छत्तीसगढ़ के गोंडवाना शैल समूह की विशेषताओं का वर्णन कीजिये।
  9. राज्य के किन जिलों से होकर भारतीय मानक समय रेखा गुजरती है?
  1. अबूझमाड़ की विशेषताएँ लिखिये।
  2. उत्तरी छत्तीसगढ़ के पाट प्रदेश, छोटानागपुर पठार से किस प्रकार संबंधित है?
  3. छत्तीसगढ़ प्रदेश में छुरी-उदयपुर की पहाड़ियों की स्थिति व भौतिक स्वरूप का वर्णन कीजिये।
  4. छत्तीसगढ़ के पाट स्थलाकृति की विशेषताओं का वर्णन कीजिये।
  5. छत्तीसगढ़ प्रदेश में दंडकारण्य पठार की स्थिति एवं भौतिक स्वरूप का वर्णन कीजिये।
  6. किस शैल समूह से चूना पत्थर की प्राप्ति होती है? वर्णन करें।

दीर्घउत्तरीय प्रश्न (उत्तर लगभग 100/125/175 शब्दों में दीजिये)

  1. छत्तीसगढ़ को भूगर्भिक संरचना पर सक्षिप्त में प्रकाश डालिये।
  2. छत्तीसगढ़ प्रदेश में मैकाल श्रेणी की स्थिति एवं भौतिक स्वरूप का वर्णन कीजिये।
  3. छत्तीसगढ़ में स्थित बघेलखंड पठार का वर्णन कोजिये।
  4. छत्तीसगढ़ को भौतिक प्रदेश में बाँटिये एवं प्रत्येक प्रदेश की विशेषताओं का संक्षिप्त में वर्णन कीजिये।
  5. छत्तीसगढ़ की स्थिति एवं विस्तार की चर्चा करें।

 

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