उत्तराखंड का जिला एवं प्रशासनिक विवरण
क्रमांक | जिला | ब्लॉक्स की संख्या | पंचायतों की संख्या | गाँवों की संख्या | विवरण |
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1 | अल्मोड़ा | 11 | 1160 | 2232 | ALMORA FULL JANKARI |
2 | बागेश्वर | 3 | 402 | 856 | BAGESHWAR FULL JANKARI |
3 | चमोली | 9 | 608 | 1412 | CHAMOLI FULL JANKARI |
4 | चंपावत | 4 | 313 | 697 | CHAMPAWAT FULL JANKARI |
5 | देहरादून | 6 | 401 | 650 | DEHRADUN FULL JANKARI |
6 | हरिद्वार | 6 | 319 | 706 | HARIDWAR FULL JANKARI |
7 | नैनीताल | 8 | 480 | 1010 | NAINITAL FULL JANKARI |
8 | पौड़ी गढ़वाल | 15 | 1177 | 3339 | PAURI GARHWAL FULL JANKARI |
9 | पिथौरागढ़ | 8 | 684 | 1599 | PITHORAGARH FULL JANKARI |
10 | रुद्रप्रयाग | 3 | 336 | 666 | RUDRA PRAYAG FULL JANKARI |
11 | टिहरी गढ़वाल | 9 | 1034 | 1806 | TEHRI GARHWAL FULL JANKARI |
12 | ऊधम सिंह नगर | 7 | 375 | 622 | UDAM SINGH NAGAR FULL JANKARI |
13 | उत्तरकाशी | 6 | 508 | 664 | UTTAR KASHI FULL JANKARI |
कुल:
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ब्लॉक्स की संख्या: 95
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पंचायतों की संख्या: 7797
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गाँवों की संख्या: 16259
उत्तराखंड का इतिहास (History of Uttarakhand)
प्राचीन काल (Ancient Period)
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उत्तराखंड में पाषाण युग से मानव निवास के प्रमाण मिले हैं, खासकर अल्मोड़ा के शैल आश्रय स्थल।
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वैदिक साहित्य में इसे ‘उत्तराकुरु’ के रूप में वर्णित किया गया है।
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महाभारत में इस क्षेत्र का उल्लेख है, जहाँ पांडवों और कौरवों से संबंधित कथाएं मिलती हैं।
मध्यकाल (Medieval Period)
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7वीं से 11वीं सदी में कट्यूरि राजवंश ने यहाँ शासन किया, राजधानी बैजनाथ थी।
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9वीं से 18वीं सदी तक चन्द राजवंश कुमाऊं और गढ़वाल पर राज करते रहे, जिन्होंने कला और संस्कृति को बढ़ावा दिया।
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गढ़वाल राज्य की राजधानी सीनगर थी, जो आक्रमणों का सफल विरोध करता रहा।
ब्रिटिश शासन (Colonial Period)
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1816 में अंग्रेजों ने गढ़वाल और 1864 में कुमाऊं पर नियंत्रण प्राप्त किया।
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ब्रिटिश शासन के दौरान प्रशासनिक सुधार और बुनियादी ढांचे का विकास हुआ।
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उत्तराखंड के लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भाग लिया।
स्वतंत्रता के बाद (Post-Independence)
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1947 तक उत्तराखंड उत्तर प्रदेश का हिस्सा था।
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आर्थिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक कारणों से अलग राज्य की मांग बढ़ी।
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लंबे आंदोलनों के बाद 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड को अलग राज्य घोषित किया गया।
वर्तमान उत्तराखंड (Present Day Uttarakhand)
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प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक तीर्थस्थल (जैसे चार धाम) और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध।
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कृषि, पर्यटन, और हथकरघा उद्योग आर्थिक आधार हैं।
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पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।