Introduction
क्या आप एक Commerce Student हैं जो अपनी पहली अकाउंटिंग जॉब की तलाश में हैं? या क्या आप एक बिज़नेस ओनर हैं जो अपने हिसाब-किताब को रजिस्टर से कंप्यूटर पर शिफ्ट करना चाहते हैं?
भारत में Tally (Transaction Allowed in a Linear Line Yards) सिर्फ एक सॉफ्टवेयर नहीं, बल्कि अकाउंटिंग की दुनिया का राजा है। छोटी दुकान से लेकर बड़ी कंपनियों तक, हर जगह Tally इस्तेमाल होता है। लेकिन समस्या यह है कि कोचिंग सेंटर्स इसे सिखाने के लिए ₹5,000 से ₹15,000 तक चार्ज करते हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको Tally Accounting का पूरा कोर्स (Basic to Advanced) बिल्कुल फ्री में सिखाएंगे। हम अकाउंटिंग के गोल्डन रूल्स से लेकर GST और Payroll तक सब कुछ कवर करेंगे।
Hook: अगर आप इस गाइड को अच्छे से समझ लेते हैं और प्रैक्टिस करते हैं, तो आप आसानी से किसी भी कंपनी में Junior Accountant के तौर पर काम शुरू कर सकते हैं। तो चलिए, Tally मास्टर बनते हैं।
Quick Overview (Highlights)
अगर आप जल्दी में हैं, तो यहाँ इस कोर्स का निचोड़ (Summary) देखें:
- Software Name: Tally Prime / Tally.ERP 9
- Core Function: Accounting, Inventory & Payroll Management
- Key Skill: GST Returns & Billing
- Avg Salary: ₹15,000 – ₹35,000 (For Freshers)
- Difficulty: Easy (No Coding Required)
- Download: Official Tally Solutions Website
- Rating: ⭐⭐⭐⭐⭐ (Industry Standard)
Chapter 1: Basics of Accounting (Tally की नींव)
Tally सॉफ्टवेयर छूने से पहले आपको अकाउंटिंग की ABC पता होनी चाहिए। बिना इसके Tally सिर्फ एक टाइपिंग मशीन है।
1. What is Accounts?
किसी भी बिज़नेस के लेन-देन (Financial Transactions) को व्यवस्थित तरीके से रिकॉर्ड करना, उसका सारांश बनाना और विश्लेषण करना ही ‘Accounts’ कहलाता है। इससे पता चलता है कि बिज़नेस फायदे में है या नुकसान में।
2. Classification of Accounts (सबसे जरूरी)
अकाउंट्स को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा गया है:
- Personal Accounts: यह व्यक्तियों, कंपनियों या संस्थाओं से जुड़ा होता है (जैसे: Ram’s A/c, HDFC Bank A/c)।
- Real Accounts: यह संपत्ति (Assets) और वस्तुओं से जुड़ा होता है (जैसे: Cash, Furniture, Machinery)।
- Nominal Accounts: यह खर्च, आय, लाभ और हानि से जुड़ा होता है (जैसे: Salary, Rent, Commission)।
3. Golden Rules of Accounting
पूरी दुनिया की अकाउंटिंग इन तीन नियमों पर टिकी है। इसे रट लें:
| Account Type | Debit (Dr.) Rule | Credit (Cr.) Rule |
| Personal | The Receiver (पाने वाला) | The Giver (देने वाला) |
| Real | What comes in (जो आया) | What goes out (जो गया) |
| Nominal | All Expenses & Losses (खर्च) | All Incomes & Gains (आय) |
Chapter 2: Getting Started with Tally
अब हम सॉफ्टवेयर पर काम करना सीखेंगे।
1. Create Company
Tally खोलने के बाद सबसे पहला काम कंपनी बनाना है।
- ‘Create Company’ पर क्लिक करें।
- Company Name, Address, State और Financial Year (जैसे 1-Apr-2024) भरें।
- Save करने के लिए Ctrl + A दबाएं।
2. Understanding Groups & Ledgers
Tally में हर खाते का एक ‘Head’ होता है जिसे Group कहते हैं।
- Assets: जैसे Furniture, Building, Cash.
- Liabilities: जैसे Loans, Creditors (जिनको पैसा देना है)।
- Expenses: जैसे Salary, Electricity Bill (Indirect Expense)।
- Income: जैसे Sales, Commission Received.
Ledger: यह वह खाता है जिसमें हम एंट्री करते हैं। जैसे अगर आपने राम से सामान खरीदा, तो “Ram” का एक लेजर बनेगा जो “Sundry Creditors” ग्रुप के अंदर जाएगा।
3. Types of Vouchers (Transaction Entry)
Tally में अलग-अलग लेन-देन के लिए अलग-अलग वाउचर होते हैं:
- F4 (Contra): बैंक और कैश के बीच लेन-देन (Cash Deposit/Withdrawal)।
- F5 (Payment): किसी को भी पैसा देने के लिए (Cash/Cheque)।
- F6 (Receipt): पैसा प्राप्त करने के लिए।
- F7 (Journal): बिना कैश/बैंक वाली एंट्री (उधारी या एडजस्टमेंट)।
- F8 (Sales): माल बेचने के लिए।
- F9 (Purchase): माल खरीदने के लिए।
Chapter 3: Inventory Management (Stock Maintenance)
सिर्फ पैसे का हिसाब रखना काफी नहीं, दुकान में कितना सामान (Stock) बचा है, यह भी जरुरी है।
Process of Inventory:
- Unit of Measure: सबसे पहले तय करें कि सामान कैसे बिकेगा (Kg, Pcs, Ltr, Box)।
- Stock Group: सामान की कैटेगरी (जैसे: Mobile, Laptop)।
- Stock Item: असली आइटम का नाम (जैसे: iPhone 15, Dell Inspiron)।
- Godowns: अगर सामान गोदाम में रखा है, तो गोदाम का लोकेशन बनाएं।
Example:
अगर आप एक ट्रेडिंग कंपनी (Trading Organization) हैं, तो आप पहले सामान खरीदेंगे (Purchase Voucher) और फिर मुनाफा जोड़कर बेचेंगे (Sales Voucher)। Tally अपने आप ‘Stock Summary’ रिपोर्ट तैयार कर देगा कि कितना माल बिका और कितना बचा।
Chapter 4: GST in Tally (Goods & Services Tax)
आज के दौर में बिना GST के Tally का कोई मतलब नहीं है। भारत में तीन तरह के टैक्स लगते हैं:
- CGST: सेंट्रल टैक्स (राज्य के अंदर व्यापार पर)।
- SGST: स्टेट टैक्स (राज्य के अंदर व्यापार पर)।
- IGST: इंटीग्रेटेड टैक्स (एक राज्य से दूसरे राज्य में व्यापार पर)।
Tally में GST कैसे लगाएं?
- F11 (Features) दबाएं और “Enable GST” को Yes करें। अपना GSTIN नंबर डालें।
- लेजर बनाते समय (जैसे Sales या Purchase), GST रेट (जैसे 18%) सेट करें।
- जब आप वाउचर एंट्री करेंगे, तो Tally अपने आप टैक्स कैलकुलेट कर लेगा।
Chapter 5: Advanced Topics (Payroll & Manufacturing)
अगर आप बड़ी कंपनी में काम करना चाहते हैं, तो ये फीचर्स आना जरुरी है।
1. Payroll Management (Salary का हिसाब)
इसमें हम कर्मचारियों की सैलरी, छुट्टी और PF/ESI का हिसाब रखते हैं।
- Employee Master: कर्मचारी का नाम और डिटेल।
- Pay Heads: सैलरी के हिस्से (Basic Salary, HRA, DA, PF)।
- Attendance: किसने कितने दिन काम किया।
- अंत में ‘Payroll Voucher’ के जरिए सैलरी स्लिप (Pay Slip) जनरेट होती है।
2. Manufacturing Journal
अगर आपकी फैक्ट्री है जहाँ कच्चा माल (Raw Material) खरीदकर पक्का माल (Finished Good) बनाया जाता है।
- इसमें हम BOM (Bill of Materials) सेट करते हैं।
- उदाहरण: 1 शर्ट बनाने में 2 मीटर कपड़ा + 5 बटन + 1 धागा लगेगा। Tally अपने आप स्टॉक कम कर देगा।
Important Tally Reports (Manager को क्या दिखाएं?)
काम करने के बाद रिपोर्ट्स देखना सबसे जरूरी है:
- Balance Sheet: कंपनी की आर्थिक स्थिति (Assets vs Liabilities)।
- Profit & Loss A/c: साल भर में कितना नफा या नुकसान हुआ।
- Day Book: आज दिन भर में क्या-क्या एंट्री हुई।
- Stock Summary: गोदाम में क्या माल पड़ा है।
- GST Reports (GSTR-1, GSTR-3B): सरकार को टैक्स भरने के लिए।
Pros & Cons of Tally
क्या Tally ही बेस्ट है या कोई और सॉफ्टवेयर भी है?
✅ Pros (फायदे)
- Simplicity: इसे सीखना बहुत आसान है।
- Compliance: यह भारतीय टैक्स सिस्टम (GST/TDS) के साथ पूरी तरह अपडेटेड रहता है।
- Speed: कीबोर्ड शॉर्टकट्स (Shortcuts) की मदद से काम बहुत तेजी से होता है।
- Audit Tool: CA (Chartered Accountants) के लिए ऑडिट करना आसान होता है।
❌ Cons (नुकसान)
- Single Window: एक बार में एक ही विंडो खुलती है (Multitasking मुश्किल है)।
- Interface: इसका लुक (UI) काफी पुराना लगता है।
- Data Security: क्लाउड बैकअप की सुविधा डिफ़ॉल्ट रूप से सीमित है (Offline ज्यादा है)।
Frequently Asked Questions (FAQ)
बिगिनर्स अक्सर इन सवालों को लेकर कंफ्यूज रहते हैं।
Q1: Tally Prime और Tally.ERP 9 में क्या अंतर है?
Answer: Tally.ERP 9 पुराना वर्शन है। Tally Prime नया और अपडेटेड वर्शन है जिसका इंटरफ़ेस ज्यादा आसान और मॉडर्न है। काम करने का तरीका 90% एक जैसा है।
Q2: क्या Tally सीखने के लिए Commerce बैकग्राउंड जरुरी है?
Answer: नहीं, अगर आपको कॉमर्स नहीं भी आता, तो भी आप Tally सीख सकते हैं। बस आपको ऊपर बताए गए “Golden Rules of Accounting” समझने होंगे।
Q3: Debit Note और Credit Note क्या होता है?
Answer:
- Debit Note: जब हम खरीदा हुआ माल वापस करते हैं (Purchase Return)।
- Credit Note: जब बिका हुआ माल ग्राहक वापस करता है (Sales Return)।
Q4: Tally ऑपरेटर की सैलरी कितनी होती है?
Answer: शुरुआत में ₹12,000 से ₹18,000। अनुभव और GST नॉलेज के साथ यह ₹35,000+ तक जा सकती है।
Conclusion: Start Your Practice
निष्कर्ष:
Tally सिर्फ सॉफ्टवेयर नहीं, एक स्किल है। थ्योरी पढ़ने से आपको इंटरव्यू में मदद मिलेगी, लेकिन जॉब पाने के लिए प्रैक्टिस जरुरी है।
मेरी सलाह:
अपने कंप्यूटर में Tally का “Educational Mode” (जो फ्री है) डाउनलोड करें। ऊपर दिए गए “Case Studies” (जैसे ₹10,000 की सर्विस बेची या ₹5,000 का माल खरीदा) की एंट्री करके देखें।
Call to Action (CTA)
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