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सरगुजा संभाग के जिले वाईस जानकारी

सरगुजा संभाग: छत्तीसगढ़ का गौरवशाली मुकुट – इतिहास, प्रकृति और संस्कृति का संगम

छत्तीसगढ़ के उत्तरी छोर पर स्थित, सरगुजा संभाग एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ प्रकृति अपने सबसे खूबसूरत रूप में मिलती है, जहाँ का इतिहास सदियों की कहानियाँ सुनाता है, और जहाँ की जनजातीय संस्कृति आज भी अपनी पूरी जीवंतता के साथ धड़कती है। इसे यूँ ही छत्तीसगढ़ का गौरवशाली मुकुट नहीं कहा जाता। विस्तृत जंगल, प्राचीन पहाड़ियाँ, कल-कल करती नदियाँ, रहस्यमयी गुफाएं और ऊर्जा से भरपूर कोयला खदानें, यह सब मिलकर सरगुजा को एक अनूठा और आकर्षक क्षेत्र बनाते हैं।


🗺️ सरगुजा संभाग: एक नजर में

सरगुजा संभाग का प्रशासनिक ढाँचा इसे प्रदेश का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाता है।

जिला जिला मुख्यालय प्रमुख विशेषता
मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर मनेंद्रगढ़ कोयला खनन और अमृतधारा जलप्रपात
कोरिया बैकुंठपुर गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, कृषि
सूरजपुर सूरजपुर तमोर पिंगला अभयारण्य, कुदरगढ़ी धाम
बलरामपुर-रामानुजगंज बलरामपुर तातापानी, पाट प्रदेश, बॉक्साइट
सरगुजा अम्बिकापुर संभाग मुख्यालय, मैनपाट, रामगढ़
जशपुर जशपुर नगर पाट प्रदेश, चाय-कॉफी बागान, नागलोक

📜 इतिहास के झरोखे से: राजवंशों की गाथा

सरगुजा का इतिहास शक्तिशाली राजवंशों की कहानियों से भरा पड़ा है, जिन्होंने इस भूमि पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है।

  • प्राचीन काल: इस क्षेत्र में कलचुरी और चंदेल जैसे राजवंशों का प्रभाव रहा।

  • रक्सेल राजवंश: मध्यकाल में, रक्सेल राजवंश ने इस क्षेत्र पर लंबे समय तक शासन किया और इसे एक मजबूत रियासत के रूप में स्थापित किया। महाराजा अमर सिंह और महाराजा राम सिंह जैसे शासकों ने सरगुजा राज्य को स्थिरता और पहचान दी।

  • ब्रिटिश काल और विलय: 18वीं-19वीं शताब्दी में यह क्षेत्र ब्रिटिश प्रभाव में आया और आजादी के बाद, 1948 में सरगुजा रियासत का भारत में विलय कर इसे छत्तीसगढ़ का हिस्सा बनाया गया।


🏞️ भौगोलिक वैभव: नदियाँ, खनिज और पाट प्रदेश

सरगुजा की भौगोलिक संरचना इसे अद्वितीय बनाती है।

प्रमुख नदियाँ:

  • रिहन्द नदी: इसे सरगुजा की जीवन-रेखा कहा जाता है।

  • कन्हार नदी: यह बलरामपुर और जशपुर क्षेत्र में बहती है।

  • हसदेव नदी: यह कोरिया और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले से होकर गुजरती है।

खनिज संसाधन:
सरगुजा संभाग खनिज संपदा का भंडार है।

  • कोयला: यह भारत के प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्रों में से एक है। चिरमिरी, विश्रामपुर और भटगांव प्रमुख कोयला क्षेत्र हैं।

  • बॉक्साइट: मैनपाट और जशपुर के पाट प्रदेशों में बॉक्साइट का विशाल भंडार है, जिसका उपयोग एल्यूमीनियम बनाने में होता है।

  • लौह अयस्क और मैंगनीज भी यहाँ पाए जाते हैं।

कृषि:
यह क्षेत्र कृषि प्रधान है। यहाँ की मुख्य फसलों में चावल, मक्का, गेहूं, और विभिन्न प्रकार की दालें शामिल हैं।


🎨 संस्कृति की धड़कन: आकर्षक जनजातीय विरासत

सरगुजा की असली पहचान इसकी समृद्ध जनजातीय विरासत है। यहाँ गोंड, उरांव, कंवर, कोरवा, और पंडो जैसी कई जनजातियाँ निवास करती हैं, जो अपनी अनूठी परंपराओं, भाषाओं और कला रूपों को आज भी संजोए हुए हैं।

  • लोक नृत्य: यहाँ के करमा, सैला, और सुआ नृत्य अपनी लय और ऊर्जा से मन मोह लेते हैं।

  • कला: पारंपरिक गोदना कला और लकड़ी की नक्काशी यहाँ की संस्कृति का अभिन्न अंग है।

  • पर्व-त्योहार: यहाँ के स्थानीय पर्व और मेले जनजातीय जीवनशैली की जीवंत झांकी प्रस्तुत करते हैं।


🏔️ पर्यटन का खजाना: प्रकृति और रोमांच का संगम

प्राकृतिक आकर्षण:

  • मैनपाट: इसे “छत्तीसगढ़ का शिमला” कहा जाता है। अपनी ठंडी जलवायु, तिब्बती शरणार्थी बस्तियों, बौद्ध मठों और उल्टा पानीजलता दल-दली जैसे अद्भुत नजारों के लिए यह विश्व प्रसिद्ध है।

  • कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान (गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान): यह भारत के सबसे बड़े राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है, जो बाघ, तेंदुए और विविध वन्यजीवों का घर है।

  • प्रमुख जलप्रपात: अमृतधारा जलप्रपात (मनेन्द्रगढ़), रकसगंडा जलप्रपात (सूरजपुर), और चिर्मिरी झरना (कोरिया) पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण हैं।

ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल:

  • रामगढ़ पहाड़ी: यहाँ विश्व की प्राचीनतम नाट्यशाला ‘सीताबेंगरा’ और ‘जोगीमारा’ गुफाएं हैं, जो मौर्यकालीन भित्तिचित्रों के लिए प्रसिद्ध हैं।

  • कुदरगढ़ी धाम (सूरजपुर): पहाड़ी की चोटी पर स्थित यह मंदिर एक महत्वपूर्ण शक्तिपीठ है।

  • देवगढ़ (सरगुजा): यह एक पुरातात्विक स्थल है जहाँ प्राचीन मंदिरों के अवशेष आज भी मौजूद हैं।

साहसिक गतिविधियां:
यह क्षेत्र ट्रेकिंग, वाटर स्पोर्ट्स (बालमदेवपुर झील), और पैराग्लाइडिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों के लिए बेहतरीन अवसर प्रदान करता है।


🚀 विकास का पथ: यातायात, शिक्षा और अर्थव्यवस्था

  • यातायात:

    • हवाई अड्डा: अम्बिकापुर में माँ महामाया एयरपोर्ट संभाग को हवाई मार्ग से जोड़ता है।

    • रेलवे: अम्बिकापुर, मनेन्द्रगढ़ और कोरबा प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं, जो इसे देश के बाकी हिस्सों से जोड़ते हैं।

    • सड़कें: राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों का एक अच्छा नेटवर्क मौजूद है।

  • शिक्षा: अम्बिकापुर में संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय (पूर्व में सरगुजा विश्वविद्यालय) और कई सरकारी व निजी कॉलेज शिक्षा के प्रमुख केंद्र हैं।

  • स्वास्थ्य: सरगुजा मेडिकल कॉलेज और सभी जिलों में जिला अस्पताल स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाते हैं।

  • अर्थव्यवस्था: सरगुजा की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि, खनन (कोयला और बॉक्साइट), वानिकी और पर्यटन पर निर्भर है।

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