हरियाणा: एक विस्तृत अवलोकन
हरियाणा, उत्तर भारत का एक प्रगतिशील और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य है। यह अपनी समृद्ध कृषि, तेजी से बढ़ते औद्योगीकरण और गौरवशाली अतीत के लिए जाना जाता है। प्रशासनिक रूप से, राज्य को 6 मंडलों (Divisions) और 22 जिलों में विभाजित किया गया है।
हरियाणा की प्रशासनिक संरचना
राज्य का प्रशासनिक ढाँचा जमीनी स्तर तक सुगठित है। इसमें 143 ब्लॉक, 6,246 ग्राम पंचायतें और लगभग 7,297 गाँव शामिल हैं। यह व्यापक नेटवर्क राज्य में विकास और शासन को सुचारू रूप से चलाने में सहायक है।
राज्य के 6 मंडल (Divisions):
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अंबाला
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करनाल
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हिसार
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रोहतक
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गुरुग्राम
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फरीदाबाद
जिलों का प्रशासनिक विवरण:
क्रम संख्या | जिला | ब्लॉकों की संख्या | पंचायतों की संख्या | गांवों की संख्या |
1 | अम्बाला | 6 | 404 | 451 |
2 | भिवानी | 7 | 312 | 338 |
3 | चरखी दादरी | 4 | 167 | 172 |
4 | फरीदाबाद | 3 | 100 | 117 |
5 | फतेहाबाद | 7 | 259 | 295 |
6 | गुरुग्राम | 4 | 159 | 199 |
7 | हिसार | 9 | 309 | 316 |
8 | झज्जर | 7 | 248 | 251 |
9 | जींद | 8 | 296 | 300 |
10 | कैथल | 7 | 280 | 288 |
11 | करनाल | 9 | 394 | 440 |
12 | कुरुक्षेत्र | 7 | 404 | 450 |
13 | महेंद्रगढ़ | 8 | 345 | 364 |
14 | मेवात (नूंह) | 7 | 327 | 506 |
15 | पलवल | 6 | 269 | 300 |
16 | पंचकूला | 4 | 135 | 476 |
17 | पानीपत | 6 | 178 | 186 |
18 | रेवाड़ी | 7 | 376 | 404 |
19 | रोहतक | 5 | 141 | 148 |
20 | सिरसा | 7 | 340 | 345 |
21 | सोनीपत | 8 | 313 | 322 |
22 | यमुनानगर | 7 | 490 | 629 |
कुल | 143 | 6246 | 7297 |
हरियाणा का विस्तृत इतिहास: समय के पन्नों से
हरियाणा का इतिहास हजारों साल पुराना है, जो सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर आधुनिक भारत के एक प्रमुख राज्य बनने तक फैला है।
प्राचीन काल:
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सिंधु घाटी सभ्यता: हरियाणा सिंधु घाटी सभ्यता (लगभग 3300-1300 ईसा पूर्व) का एक महत्वपूर्ण केंद्र था। राखीगढ़ी और भिरड़ाना जैसे प्रमुख स्थल यहां एक विकसित शहरी नियोजन, व्यापार और संस्कृति का प्रमाण देते हैं।
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वैदिक काल और महाभारत: इस क्षेत्र का उल्लेख वेदों में भी मिलता है। पौराणिक महाकाव्य महाभारत का प्रसिद्ध युद्ध कुरुक्षेत्र की इसी भूमि पर लड़ा गया था, जो इसे एक पवित्र तीर्थ स्थल बनाता है।
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साम्राज्यों का शासन: सदियों से, हरियाणा ने मौर्य, गुप्त और हर्षवर्धन जैसे विभिन्न शक्तिशाली साम्राज्यों का शासन देखा, जिन्होंने इस क्षेत्र की कला और संस्कृति को समृद्ध किया।
मध्यकाल:
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राजपूत और दिल्ली सल्तनत: मध्यकाल में यह क्षेत्र तोमर और चौहान जैसे राजपूत राजवंशों के अधीन रहा। बाद में, यह दिल्ली सल्तनत और मुगल साम्राज्य का हिस्सा बन गया।
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ऐतिहासिक युद्ध: अपनी रणनीतिक स्थिति के कारण, हरियाणा विभिन्न शासकों के बीच सत्ता संघर्ष का मैदान बना रहा। पानीपत की तीन प्रसिद्ध लड़ाइयाँ यहीं लड़ी गईं, जिन्होंने भारतीय इतिहास की दिशा बदल दी।
औपनिवेशिक काल:
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ब्रिटिश शासन: तीसरे आंग्ल-मराठा युद्ध (1818) के बाद हरियाणा ब्रिटिश भारत का हिस्सा बन गया। 1857 के सिपाही विद्रोह के बाद, इस क्षेत्र को पंजाब प्रांत में शामिल कर लिया गया।
आधुनिक हरियाणा:
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हरियाणा का गठन: 20वीं शताब्दी में भाषा के आधार पर एक अलग हरियाणा राज्य की मांग ने जोर पकड़ा। अंततः, पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के तहत 1 नवंबर 1966 को हरियाणा एक अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। चंडीगढ़ को हरियाणा और पंजाब की संयुक्त राजधानी बनाया गया।
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विकास और प्रगति: अपने गठन के बाद से, हरियाणा ने महत्वपूर्ण आर्थिक वृद्धि और विकास देखा है। “हरित क्रांति” ने राज्य की कृषि उत्पादकता, विशेष रूप से गेहूं और चावल की खेती में क्रांति ला दी। आज, हरियाणा कृषि के साथ-साथ ऑटोमोबाइल निर्माण, सूचना प्रौद्योगिकी और कपड़ा जैसे उद्योगों में भी एक अग्रणी राज्य है।