ओडिशा: एक विस्तृत अवलोकन
ओडिशा, जिसे पहले उड़ीसा के नाम से जाना जाता था, भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक राज्य है जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, प्राचीन मंदिरों और मनमोहक प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विख्यात है। प्रशासनिक दृष्टि से, यह राज्य 30 जिलों और 3 राजस्व मंडलों (मध्य, उत्तर और दक्षिण) में विभाजित है।
ओडिशा राज्य की प्रशासनिक संरचना
राज्य का प्रशासनिक ढाँचा जमीनी स्तर तक फैला हुआ है, जिसमें कुल 314 ब्लॉक, 6,794 ग्राम पंचायतें और 51,349 गाँव शामिल हैं। यह व्यापक नेटवर्क राज्य के विकास और शासन को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है।
क्र.सं. | जिला | ब्लॉकों की संख्या | पंचायतों की संख्या | गांवों की संख्या |
1 | अनुगुल (अंगुल) | 8 | 225 | 1626 |
2 | बालेश्वर | 12 | 356 | 2805 |
3 | बरगढ़ | 12 | 253 | 1177 |
4 | भद्रक | 7 | 218 | 1324 |
5 | बोलांगीर | 14 | 317 | 1758 |
6 | बौद्ध | 3 | 69 | 1112 |
7 | कटक | 14 | 373 | 1916 |
8 | देवगढ़ | 3 | 70 | 725 |
9 | ढेंकानाल | 8 | 212 | 1021 |
10 | गजपति | 7 | 149 | 1478 |
11 | गंजाम | 22 | 503 | 3253 |
12 | जगतसिंहपुर | 8 | 198 | 1292 |
13 | जाजपुर | 10 | 311 | 1873 |
14 | झारसुगुड़ा | 5 | 78 | 424 |
15 | कालाहांडी | 13 | 310 | 2246 |
16 | कंधमाल | 12 | 171 | 2262 |
17 | केंद्रापड़ा | 9 | 249 | 1568 |
18 | केंदुझर (क्योंझर) | 13 | 297 | 2022 |
19 | खोरधा | 10 | 190 | 1587 |
20 | कोरापुट | 14 | 240 | 2227 |
21 | मलकानगिरी | 7 | 111 | 1048 |
22 | मयूरभंज | 26 | 404 | 3698 |
23 | नबरंगपुर | 10 | 189 | 980 |
24 | नयागढ़ | 8 | 194 | 1539 |
25 | नुआपाड़ा | 5 | 131 | 640 |
26 | पुरी | 11 | 268 | 1883 |
27 | रायगड़ा | 11 | 182 | 2412 |
28 | सम्बलपुर | 9 | 138 | 1114 |
29 | सोनपुर | 6 | 109 | 815 |
30 | सुंदरगढ़ | 17 | 279 | 1692 |
कुल | 314 | 6794 | 49517 |
ओडिशा का विस्तृत इतिहास: समय के आईने में एक यात्रा
ओडिशा का इतिहास हजारों वर्षों में फैला हुआ है, जिसमें शक्तिशाली साम्राज्यों का उदय और पतन, सांस्कृतिक उत्कर्ष और एक अद्वितीय पहचान का निर्माण शामिल है।
प्राचीन काल:
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कलिंग साम्राज्य: ओडिशा का प्राचीन नाम कलिंग था। यह एक शक्तिशाली समुद्री साम्राज्य था जिसका व्यापार दक्षिण-पूर्व एशिया तक फैला हुआ था। 261 ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक के साथ हुआ प्रसिद्ध कलिंग युद्ध भारतीय इतिहास में एक निर्णायक मोड़ था, जिसके बाद अशोक ने बौद्ध धर्म अपना लिया और शांति का प्रचार किया।
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बौद्ध विरासत: अशोक के धर्मांतरण के बाद, बौद्ध धर्म ओडिशा में फला-फूला। उदयगिरि और खंडगिरि की चट्टानों को काटकर बनाई गई गुफाएं और धौली शांति स्तूप इस युग के जीवंत प्रमाण हैं।
मध्यकाल:
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हिन्दू राज्यों का उदय: इस काल में ओडिशा पर शैलद्भव, भौमकर और सोमवंशी जैसे शक्तिशाली हिन्दू राजवंशों का शासन रहा। इसी अवधि में भुवनेश्वर में लिंगराज मंदिर और पुरी में जगन्नाथ मंदिर जैसे भव्य मंदिरों का निर्माण हुआ।
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गजपति साम्राज्य: गजपति वंश के शासन में ओडिशा अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच गया। इस साम्राज्य ने विशाल क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित किया और ओडिया संस्कृति तथा भाषा के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
औपनिवेशिक काल:
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यूरोपीय शक्तियों का आगमन: पुर्तगालियों, डचों और अंग्रेजों जैसी यूरोपीय शक्तियों के आगमन ने व्यापार और राजनीति पर गहरा प्रभाव डाला। अंततः 19वीं शताब्दी में ओडिशा ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया।
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स्वतंत्रता संग्राम: ओडिशा ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लिया। मधुसूदन दास और बीजू पटनायक जैसे नेताओं ने स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आधुनिक ओडिशा:
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राज्य का गठन: 1 अप्रैल 1936 को भाषाई पहचान के आधार पर ओडिशा एक अलग प्रांत बना। यह ओडिया लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था।
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स्वतंत्रता के बाद का विकास: भारत की स्वतंत्रता के बाद, विभिन्न रियासतों का ओडिशा में विलय हो गया, जिससे राज्य की वर्तमान सीमाएँ बनीं। 2011 में, राज्य का आधिकारिक नाम ‘उड़ीसा’ से बदलकर ‘ओडिशा’ कर दिया गया। स्वतंत्रता के बाद से, ओडिशा ने शिक्षा, बुनियादी ढाँचे और उद्योग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। राज्य अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है।