बिलासपुर: छत्तीसगढ़ की न्यायधानी, संस्कृति और विकास का संगम
छत्तीसगढ़ राज्य के हृदय में स्थित, बिलासपुर एक ऐसा शहर है जो अपनी ऐतिहासिक जड़ों, सांस्कृतिक समृद्धि और आधुनिक विकास के लिए जाना जाता है। यह न केवल राज्य का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण शहर है, बल्कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की मेजबानी करने के कारण इसे ‘न्यायधानी’ का गौरव भी प्राप्त है। आइए, बिलासपुर की इस खूबसूरत दुनिया की विस्तृत यात्रा करें।
बिलासपुर की पहचान
बिलासपुर अपनी कई खासियतों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के सुगंधित दूबराज चावल की किस्म देश भर में मशहूर है। इसके साथ ही, हथकरघा उद्योग द्वारा निर्मित कोसे की साड़ियाँ भी बिलासपुर की एक अनूठी पहचान हैं। यहाँ की संस्कृति में अनेक विविधताएँ और रंग देखने को मिलते हैं जो इसे खास बनाते हैं।
इतिहास के पन्नों में बिलासपुर
ऐतिहासिक रूप से बिलासपुर, रतनपुर के कलचुरी राजवंश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। शहर को इसका वर्तमान स्वरूप 1774 के आसपास मराठा शासन के दौरान मिला। 1854 में, यह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन आ गया।
माना जाता है कि इस शहर का नाम 17वीं शताब्दी की एक साहसी मत्स्य-महिला ‘बिलासा’ के नाम पर पड़ा। बिलासपुर जिले का गठन 1861 में हुआ और 1867 में बिलासपुर नगर निगम अस्तित्व में आया।
भौगोलिक स्थिति और जनसांख्यिकी
बिलासपुर, मैकल पर्वत श्रृंखला से निकलने वाली अरपा नदी के किनारे बसा है, जो इस जिले की जीवनरेखा मानी जाती है।
- जनसंख्या (2011 के अनुसार): 2,663,629
- औसत साक्षरता: 70.78%
- भौगोलिक सीमा: उत्तर में कोरिया, पश्चिम में मुंगेली, दक्षिण में बलौदाबाजार-भाटापारा और पूर्व में कोरबा व जांजगीर-चांपा जिले स्थित हैं।
संस्कृति और अर्थव्यवस्था
बिलासपुर में भारत के सभी प्रमुख त्यौहार हर्षोल्लास से मनाए जाते हैं। इसके अलावा, सुआ-नृत्य, भोजली, रावत-नाच और पोला जैसे स्थानीय पर्व भी यहाँ की संस्कृति को जीवंत बनाते हैं।
अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से, बिलासपुर ऊर्जा और व्यापार का एक प्रमुख केंद्र है।
- ऊर्जा हब: बिलासपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों से लगभग 10,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। यहाँ NTPC का विशाल ऊर्जा-गृह भी स्थित है।
- उद्योग: तिफरा-सिरगिट्टी और सिलपहरी प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र हैं। कोयला उत्पादन में भी यह क्षेत्र अग्रणी है और SECL (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) का मुख्यालय यहीं है।
- बाजार और शॉपिंग: गोल बाजार, सदर बाजार और व्यापार विहार शहर के मुख्य व्यावसायिक केंद्र हैं। इसके अलावा, सिटी-36 और रामा मैग्नेटो मॉल जैसे आधुनिक शॉपिंग सेंटर भी यहाँ मौजूद हैं।
आवागमन की सुविधाएँ
बिलासपुर सड़क, रेल और वायु मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
- रेलवे: बिलासपुर रेलवे स्टेशन, दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे (SECR) जोन का मुख्यालय है और छत्तीसगढ़ के सबसे व्यस्त स्टेशनों में से एक है। यह देश के लगभग सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
- सड़क मार्ग: राष्ट्रीय राजमार्गों का नेटवर्क इसे मुंबई, कोलकाता, रायपुर और वाराणसी जैसे शहरों से जोड़ता है। शहर के भीतर परिवहन के लिए सिटी-बस और ऑटो-रिक्शा उपलब्ध हैं।
- हवाई अड्डा: बिलासपुर में ‘उड़ान’ योजना के तहत हवाई अड्डा विकसित किया गया है, जो इसे भारत के प्रमुख शहरों से हवाई मार्ग द्वारा जोड़ने का काम करेगा।
प्रमुख पर्यटन और दर्शनीय स्थल
आस-पास के पर्यटन स्थल:
- मल्हार: ऐतिहासिक महत्व का स्थल
- रतनपुर: महामाया मंदिर के लिए प्रसिद्ध
- तालागाँव: रुद्र शिव की अद्भुत प्रतिमा
- अचानकमार टाइगर रिजर्व: वन्यजीव प्रेमियों के लिए स्वर्ग
- कानन-पेंडारी चिड़ियाघर
- खूंटाघाट और खुडिया बांध
- अमरकंटक: नर्मदा और सोन नदी का उद्गम स्थल
शहर के भीतर दर्शनीय स्थान:
- विवेकानंद उद्यान (कंपनी गार्डन)
- ऊर्जा पार्क और स्मृति वन
- बिलासा ताल और अरपा रिवर व्यू
- यातायात-पार्क (लगरा)
- रामकृष्ण आश्रम (कोनी)
शिक्षा का केंद्र
बिलासपुर छत्तीसगढ़ के एक प्रमुख शिक्षा केंद्र के रूप में उभरा है। यहाँ कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय, कॉलेज और स्कूल हैं।
प्रमुख विश्वविद्यालय:
- गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, कोनी
- बिलासपुर विश्वविद्यालय, सेंदरी
- पंडित सुंदरलाल शर्मा (मुक्त) विश्वविद्यालय
- सी.वी. रमन विश्वविद्यालय, कोटा
प्रमुख कॉलेज:
- शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, बिलासपुर
- छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स)
- ठाकुर छेदीलाल बैरिस्टर कृषि महाविद्यालय
- ई. राघवेन्द्र राव विज्ञान महाविद्यालय
प्रमुख स्कूल:
शहर में डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल, दिल्ली पब्लिक स्कूल, द जैन इंटरनेशनल स्कूल, सेंट जेवियर्स, सरस्वती शिशु मंदिर और जवाहर नवोदय विद्यालय जैसे कई उत्कृष्ट स्कूल हैं।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय
बिलासपुर को देश के 19वें उच्च न्यायालय की मेजबानी करने का गौरव प्राप्त है। इसकी स्थापना मध्य प्रदेश पुनर्गठन नियम, 2000 के तहत की गई थी, जिसने शहर को ‘न्यायधानी’ की पहचान दी।